आत्म अभिव्यक्ति से आशय (MEANING OF SELF EXPRESSION )-

आत्म अभिव्यक्ति एक महत्त्वपूर्ण व कम व्याख्यायित शब्द है हिन्दी भाषा में आत्म शब्द स्व का परिचायक है और अभिव्यक्ति का आशय सरल शब्दों में प्रगटन से है। विकीपीडिया के अनुसार : –

 “अभिव्यक्ति का अर्थ विचारों के प्रकाशन से है व्यक्तित्व के समायोजन के लिए मनोवैज्ञानिकों ने अभिव्यक्ति को मुख्य साधन माना है । इसके द्वारा मनुष्य अपने मनोभावों को प्रकाशित करता तथा अपनी भावनाओं को रूप देता है।”

साधारण शब्दों में कहा जा सकता है कि अभिव्यक्ति से आशय प्रगटन से है और स्वयम का प्रगटन चाहे वह किसी भी माध्यम से हो,आत्म अभिव्यक्ति कहलाता है।

आत्म अभिव्यक्ति के प्रकार (TYPES OF SELF EXPRESSION)-

विविध विद्वानों ने इसे विविध प्रकार से विवेचित किया है जिससे इसका स्वरुप जटिल हो गया है लेकिन मुख्य रूप से इसके प्रकारों को इस प्रकार क्रम दिया जा सकता है। –

1 – शाब्दिक

 (a )- लिखित

 (b) – मौखिक

2 – अशाब्दिक -समस्त कलाएं

3 – चेतन शारीरिक भाषा  

आत्म अभिव्यक्ति को सुधारने के उपाय   (Ways to improve self expression) –

आत्म अभिव्यक्ति को सुधारने के उपायों को समझने हेतु यह आवश्यक है कि आत्म अभिव्यक्ति को प्रभावित करने वाले कारक  (TYPES OF SELF EXPRESSION) की समझ विकसित करने के साथ निम्न बिंदुओं पर गहनता से सम्पूर्ण क्षमता भर ध्यान दिया जाए। 

शारीरिक भाषा (Body Language) में सुधार हेतु वे सभी प्रयास सम्मिलित किये जाने चाहिए जो कौशल विकास से सम्बंधित हैं।

अशाब्दिक अभिव्यक्ति हेतु निरन्तरता ,जिज्ञासा, धैर्य, क्षमता सम्वर्धन की अनवरत साधना परमावश्यक है।

  आत्म अभिव्यक्ति को प्रभावी बनाने हेतु डॉ ० सतीश बत्रा जी का मानना है कि सम्प्रेषण या अभिव्यक्ति में निम्न का विशेष संज्ञान लिया जाए –

1 – अधिक

2 – अनावश्यक

3 – अप्रिय

4 – अप्रासंगिक

5 – असमय

6 – असम्बन्धित

7 – अपात्र

साथ ही बत्राजी प्रभावी अभिव्यक्ति हेतु KISSSSS पर विशेष जोर देते हैं जिसका आशय है –

K – keep

I – it

S – Simple

S – Short

S – Straight

S – Sense full 

S – Strength of evidence

यानि कि तथ्यों को सम्प्रेषित करने में बात को सरल संक्षिप्त सीधा सार्थक व प्रभावी तरीके से रखा जाए।

अन्त में अध्यापकों से मैं विशेष रूप से कहना चाहूँगा कि वे यदि निम्न पर ध्यान देंगे तो अच्छी आत्म अभिव्यक्ति कर पाएंगे –

T – Talent

E – Evaluation before communication

A – Apologize for mistakes

C – Confusion Removal

H – Harmony

E – Effectiveness

R – Realistic Approach

 वस्तुतः यह तथ्य सर्व विदित है कि जहां चाह वहाँ राह ,यदि आप पूरे आत्म विश्वास से आत्म अभिव्यक्ति प्रभावी बनाने का प्रयास करेंगे तो लक्ष्य की निकटता महसूस करेंगे और जल्दी आपका सपना साकार होगा।

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