सबका कल्याण कराएं,
रूप सुन्दर सा बनाएं।
प्रकृति में खुद रम जाएँ,
देव वो सरल कहाएँ।
उनमें रमने की तिथि आई रे,
आई आई शिव रात्रि आई रे।
सबके मन को भा जाएँ,
जल्दी वो खुश हो जाए।
अपनी किरपा बरसाएं,
रहें वो धूनी रमाएँ।
उनमें रमने की तिथि आई रे,
आई आई शिव रात्रि आई रे।
आओ बेल पत्री लाएं,
धतूरा उन पर चढ़ाएं।
बस उनमें खो जाएँ ,
महाकाल रात्रि मनाएं।
उनमें रमने की तिथि आई रे,
आई आई शिव रात्रि आई रे।
आओ शिव भजन को गाऐं,
केवल उनमें खो जाएँ।
भूतनाथ की महिमा गाएं,
शुभ घड़ी में खुशी मनाएं।
उनमें रमने की तिथि आई रे,
आई आई शिव रात्रि आई रे।
सब को सत्य बोध कराएं,
प्रकृति का सत् समझाएं।
भौतिकता से कट जाएं,
हरदम शिव शिव जप पाएं।
उनमें रमने की तिथि आई रे,
आई आई शिव रात्रि आई रे।
शिव का सत् बोध कराएं,
मिथ्या मान्यताएं हटाएँ।
बस सत्य में रमते जाएँ,
हरक्षण शिव ही शिव गाएं।
उनमें रमने की तिथि आई रे,
आई आई शिव रात्रि आई रे।