संस्कृति
शब्द का उच्चारण होते ही हमारा अन्तर्मन मर्यादा का बोध करने लगता है साधारणतः
संस्कृति में वह सब कुछ संयुक्त होता है जो मानव द्वारा समाज में रहकर जाना जाता
है कलाएं, कानून, नैतिकता, धार्मिक परम्पराएँ, शिष्टाचार मर्यादाएं, रीति रिवाज, व्यवहार, सङ्गीत, भाषा, साहित्य आदि सभी कुछ इसमें शामिल है।
CONCEPT
OF CULTURE (संस्कृति
की अवधारणा)
संस्कृति
की अवधारणा को समझने हेतु कुछ विज्ञजनों की संस्कृति के आशय को इंगित करने वाली
परिभाषाओं के आलोक में समझने का प्रयास करते हैं। प्रसिद्द समाजशास्त्री मैकाइवर
एण्ड पेज के शब्दों में –
“Culture
is the expression of our nature in our modes of living and of thinking, in our
everyday intercourse in art, in literature, in religion, in recreation and in
enjoyment.”- Meciver and page
“हमारे रहने, विचार करने प्रतिदिन के कार्यों, कला, साहित्य, धर्म, मनोरंजन और आनन्द में संस्कृति हमारी प्रकृति
की अभिव्यक्ति है।”
लुण्डवर्ग महोदय संस्कृति की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए
कहते हैं –
“Culture
may be defined as a system of socially acquired and transferred standard to
judgement, belief and conduct, as well as the symbolic and material products of
the resulting conventional patterns of behavior.” –Lundberg
“संस्कृति को उस व्यवस्था के रूप में पारिभाषित
किया जा सकता है जिसमें हम सामाजिक रूप से प्राप्त और आगामी पीढ़ियों को सञ्चरित कर
दिए जाने वाले निर्णयों,विश्वासों, आचरणों तथा व्यवहार के परम्परागत प्रतिमानों से उत्पन्न होने वाले
प्रतीकात्मक और और भौतिक तत्वों को सम्मिलित करते हैं।”
टायलर महोदय ने संस्कृति की अवधारणा को सुन्दर
शब्दों में यूँ संजोया है –
“Culture
is that complex whole which includes knowledge, beliefs, art, morals, law,
customs and any other capabilities and habits acquired by man as a member of
society.” – Tylor
“संस्कृति वह जटिल सम्पूर्णता है जिसमें ज्ञान,विश्वास, कला, आचार, कानून, प्रथा तथा इसी प्रकार की ऐसी सभी क्षमताओं और
आदतों का समावेश रहता है जिन्हे मनुष्य समाज का सदस्य होने के नाते प्राप्त करता
है। ”
यदि
हम उक्त परिभाषाओं का विश्लेषण करें तो एम०
एल० मित्तल के तत्सम्बन्धी ये विचार सत्य प्रतीत होते हैं। –
“किसी समुदाय या समाज के रहने सहने के समग्र
तरीकों या जीवन विधि को संस्कृति कहते हैं। इसमें धर्म, कला, दर्शन, विज्ञान, आचार विचार, रीति रिवाज, रहन सहन, भाषा, वेशभूषा, खानपान, मशीनें, उपकरण, राजनीतिक एवं आर्थिक व्यवस्था आदि सभी तत्व
सम्मिलित होते हैं। ”
“The overall way of life or way of life of a community or
society is called culture. It includes religion, art, philosophy, science,
ethics, customs, living, language, costumes, food, machines, equipment,
political and economic All the elements of system etc. are included.’’
CHARACTERISTICS
OF CULTURE
संस्कृति
की विशेषताएं
1 – संस्कृति अनुभव आधारित (Culture
based on experience)
लुण्डवर्ग
महोदय
के अनुसार
“Culture
is not related to a person’s innate tendencies or biological heritage, but it
is based on social learning and experiences.”
-Lundberg
“संस्कृति व्यक्ति की जन्मजात प्रवृत्तियों अथवा
जैवकीय विरासत से सम्बन्धित नहीं होती, बल्कि यह सामाजिक सीख व अनुभवों पर आधारित होती
है।”
2 – संस्कृति में स्थानान्तरण की शक्ति (The
power of transference in culture)
3 – हर समाज में सांस्कृतिक विविधता (Cultural
diversity in every society)
4 – संस्कृति में सामाजिकता का गुण (Sociability
in culture)
ए ०
डब्ल्यू० ग्रीन महोदय के अनुसार –
“Culture
is the socially transmitted system of idealized ways in knowledge, practice and
belief along with the artifacts that knowledge and practice maintain as they
change in type.” – Green A.W.
“संस्कृति ज्ञान, व्यवहार, विकास की उन आदर्श पद्धतियों को तथा ज्ञान और
व्यवहार से उत्पन्न हुए साधनों की व्यवस्था को कहते हैं, जो सामाजिक रूप से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दी
जाती हैं।”
5 – संस्कृति में अनुकूलन निहित (Adaptation
inherent in culture)
6 – समाज का आदर्श संस्कृति है (Culture
is the ideal of society)
इसीलिये
व्हाइट महोदय को कहना पड़ा –
“Culture
is a symbolic, continuous, cumulative and progressive process.”
“संस्कृति एक प्रतीकात्मक, निरन्तर, संचई और प्रगतिशील प्रक्रिया है।”
7 – संस्कृति, आवश्यकता पूर्ति में सक्षम (Culture,
capable of meeting the need)
8 – मानवीय समाज की धरोहर (Heritage
of human society)
रेडफील्ड
महोदय के अनुसार –
“संस्कृति कला और उपकरणों से अभिव्यक्त
परम्परागत ज्ञान का वह संगठित रूप है, जो परम्परा द्वारा संगठित होकर मानव समूह की विशेषता बन जाता है। ”
“Culture
is the organised body of conventional understanding, manifest in art and
artifact, which persisting through traditions, characterizes human group. – Redfield
उक्त अवधारणाओं व विशेषताओं के अध्ययन से यह पूर्णतः स्पष्ट भान होता
है कि संस्कृति जन्मजात न होकर स्वीकार्य गुणों, विचारों व व्यवहारों का समूह है जैसा वेरको व अन्य के इन विचारों से
भी स्पष्ट होता है –
“Although the investigations of Social Scientists have
shown that culture is not innate but learned, nevertheless the pressure to
acquire this learning is so strong that is inescapable.” –Verco and others
“यद्यपि समाज शास्त्रियों की खोजों ने सिद्ध कर दिया है कि संस्कृति जन्मजात
न होकर सीखी जाती है, फिर भी इनके सीखने को इतना अधिक महत्त्व दिया
जाता है कि इनकी अवहेलना नहीं की जा सकती।”