यह सब रस्ते के पत्थर हैं,
अक्सर हट जाया करते हैं।
ये दिल पर रखा बोझ नहीं,
जिससे मर जाया करते हैं।
जीवन के रास्ते दूभर हैं
समतल हो जाया करते हैं।
चलने की हिम्मत की ही नहीं
यूँ, क्यूँ डर जाया करते हैं।
दिखने को काले बादल हैं,
ये भ्रम फैलाया करते हैं।
गर्जन तर्जन सब किया यहीं
फिर, ये उड़ जाया करते हैं।
इस जग के किस्से नश्वर हैं
किसी समय डराया करते हैं।
मन की हलचल बोझ नहीं
प्रश्न हल हो जाया करते हैं।
जो मार्ग के काँकड़ पाथर हैं,
सब राज बताया करते हैं।
जिनकी किस्मत में गति नहीं,
वो ‘नाथ’ दब जाया करते हैं।
यह सब रस्ते के पत्थर हैं,
अक्सर हट जाया करते हैं ।।