विचलन शीलता

जब केन्द्रीय प्रवृत्ति की माप का अध्ययन किया जाता है तो अंक वितरण के मध्यमान के बारे में अधिगमित होता है परिणामों में विचलन भी देखने को मिलता है कुछ वितरणों में अंक मध्यमान के निकट और कुछ में दूर तक फैले दीख पड़ते हैं। जब किसी अंक वितरण के विविध अंक अपेक्षाकृत अपने मध्यमान के निकट रहते हैं तो विचलन शीलता (Variability) कम होती है लेकिन जब अंकों का विस्तार मध्यमान से अपेक्षाकृत दूर-दूर तक फैला होता है अर्थात विचलित रहता है तब  अंक वितरण की विचलन शीलता (Variability) अधिक होती है।

lindiquist लिन्डक्यूस्टि महोदय विचलनशीलता के सम्बन्ध कहते हैं –

“Variability is the extent to which the scores tend to scatter or spread above and below the average.”

“विचलनशीलता वह अभिसीमा है, जिसके अन्तर्गत अंक अपने मध्यमान से नीचे व ऊपर की ओर वितरित या विचलित रहते हैं।” 

स्पीगेल महोदय विचलनशीलता के सम्बन्ध में कहते हैं। –

“वह सीमा जहां तक आंकड़े अपने मध्यमान मूल्य के दोनों ओर प्रसार की प्रवृत्ति रखते हैं, आंकड़ों का विचलन कहलाती है।”

अनुवाद “The extent to which data tend to spread on either side of its mean value is called variability of data.”

गैरट  महोदय विचलनशीलता के सम्बन्ध में कहते हैं। –

“विचलनशीलता से तात्पर्य आँकड़ों के वितरण या प्रसार से है यह वितरण आंकड़ों की केन्द्रीय प्रवृत्ति के चारों ओर होता है।”

अनुवाद ” Variability refers to the distribution or spread of data. This distribution is around the central tendency of the data.”

Methods Of Measuring Variability

विचलनशीलता को मापने की विधियाँ

विचलनशीलता को मापने की विधियों को दो प्रमुख भागों में विभक्त कर सकते हैं।

[A] – निरपेक्ष माप /  Absolute Measures of Dispersion

i  – प्रसार / Range

ii – चतुर्थाङ्क विचलन/ Quartile Deviation

iii – माध्य विचलन/ Mean Deviation

iv – मानक विचलन/ Standard Deviation

[B] – सापेक्ष माप / Relative Measures of Dispersion

i  – प्रसार गुणाँक / Coefficient of Range

ii – चतुर्थक विचलन गुणाँक / Coefficient of Quartile Deviation

iii – माध्य विचलन गुणाँक / Coefficient of Mean Deviation

iv – विचलन गुणाँक / Coefficient of Variance

विचलनशीलता ज्ञात करने के उद्देश्य / Objectives of determining deviation – विचलनशीलता सांख्यिकीय परिक्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है इससे हम परिणामों की सटीक स्थिति समझने में सक्षम हुए हैं, सुविधाजनक अध्ययन हेतु विचलनशीलता के अधोलिखित उद्देश्य कहे जा सकते हैं –

1 – मध्यमान की विश्वसनीयता हेतु / For reliability of mean – सांख्यिकीय विश्लेषण में विश्वसनीयता एक महत्त्वपूर्ण कारक है यही समूची गणना का दिशा निर्धारक है  अगर किसी श्रंखला में विचलन कम है तो कहा जाता है कि यह मध्यमान अंक वितरण का सही प्रतिनिधित्व करता है इसके विपरीत यदि श्रंखला में अधिक विचलन दृष्टिगत होता है तो इससे आशय है कि यह मध्यमान अंक वितरण का सही  प्रतिनिधित्व करने में अक्षम है। इस प्रकार मध्यमान की विश्वसनीयता पुष्ट होती है।

2 – यथार्थ से निकटता हेतु / To be closer to reality – मध्यमान एक प्रतिनिधिकारी शक्ति है और इसका यथार्थ बोध सत्य के निकट लाता है इसके मापन द्वारा ही यह जाना जाता है कि कौन सा परिणाम सत्य के अधिक निकट है, विचलनशीलता का यह मापन अन्य विविध गणितीय विश्लेषण का आधार बनता है और उन्हें ज्ञात करना सरल,सुबोध व लाभकारी हो जाता है ।

3 – विविध श्रृंखलाओं के तुलनात्मक अध्ययन हेतु / For comparative study of various series –   विचलनशीलता का अध्ययन ही दो या अधिक श्रंखलाओं के तुलनात्मक अध्ययन में सक्षम बनाता है यदि विचलनशीलता उच्च कोटि की है तो यह स्वीकार किया जाता है कि यहां आँकड़ों  का सामंजस्य उच्च नहीं है जबकि विचलनशीलता के निम्न कोटि के होने से आशय है कि श्रृंखला में आँकड़े सही समायोजित हैं।

            कुल मिलकर यह कहा जा सकता है विचलन शीलता के अध्ययन ने सांख्यिकीय विश्लेषण के क्षेत्र में हमें अधिक विश्वसनीय और पुष्ट बनाया है इससे परिणाम यथार्थ के अधिक निकट पहुँचे हैं।

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